कुलुस्सी 1:16 |
किएक तँ हुनके माध्यम सँ सभ वस्तुक सृष्टि भेल, ओ चाहे स्वर्गक होअय वा पृथ्वीक, दृश्य होअय वा अदृश्य, सिंहासन होअय वा प्रभुता, शासन होअय वा अधिकार—सभ वस्तु हुनके द्वारा आ हुनके लेल रचल गेल अछि। |
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इफिसी 2:19 |
फलस्वरूप, अहाँ सभ आब परदेशी वा प्रवासी नहि रहलहुँ, बल्कि परमेश्वरक लोक मे मिलि कऽ हुनका सभक संग नागरिक छी। परमेश्वरक परिवारक सदस्य छी। |
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इफिसी 6:12 |
कारण, अपना सभक संघर्ष मनुष्य सँ नहि अछि, बल्कि एहि अन्हार संसारक अदृश्य अधिपति सभ, अधिकारी सभ आ शासन करऽ वला सभ सँ अछि, आत्मिक क्षेत्र सभक दुष्ट शक्ति सभ सँ अछि। |
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इब्रानी 11:13 |
जाहि बात सभक बारे मे परमेश्वर वचन देने छलाह, से बात सभ बिनु पौने ई सभ लोक विश्वास करितहि मरलाह मुदा ओहि बात सभ केँ दूरे सँ देखि आनन्दित छलाह। ई सभ खुलि कऽ मानि लेलनि जे, “ई संसार हमरा सभक वास्तविक घर नहि अछि; हम सभ एतऽ परदेशी भऽ रहि रहल छी।” |
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इब्रानी 13:2 |
अनचिन्हारो सभक अतिथि-सत्कार कयनाइ नहि बिसरू, कारण, एहि तरहेँ किछु लोक बिनु जनने स्वर्गदूत सभक सेवा-सत्कार कयने छथि। |
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1 पत्रुस 2:11 |
यौ प्रिय भाइ लोकनि, हम अहाँ सभ सँ आग्रह करैत छी जे अहाँ सभ अपना केँ एहि संसार मे परदेशी आ यात्री बुझि कऽ मनुष्य-स्वभावक पापमय इच्छा सभ केँ अपना सँ दूर राखू। ओ इच्छा सभ अहाँ सभक आत्माक विरोध मे युद्ध करैत अछि। |
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मसीह-दूत 19:35 |
अन्त मे शहरक प्रधानजी भीड़ केँ शान्त कयलनि आ कहलथिन, “यौ इफिसुस-निवासी सभ! की संसारक प्रत्येक मनुष्य ई नहि जनैत अछि जे इफिसुस शहर महान् देवी अरतिमिसक मन्दिर आ आकाश सँ खसल हुनकर मुरुतक रक्षक अछि? |
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प्रकाशित-वाक्य 12:12 |
एहि कारणेँ, हे स्वर्ग आ ओहि मे निवास कयनिहार सभ, आनन्द मनाउ! मुदा हे पृथ्वी आ समुद्र, तोरा सभ केँ कतेक कष्ट होयतह! किएक तँ शैतान तोरा सभ लग उतरि आयल छह आ ई जानि जे ओकरा कनेके समय बाँचल छैक अत्यन्त क्रोधित भऽ गेल अछि।” |
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प्रकाशित-वाक्य 13:1 |
तखन हम एकटा जानबर केँ समुद्र मे सँ बहराइत देखलहुँ जकरा दसटा सीँग आ सातटा सिर छलैक। ओकर प्रत्येक सीँग पर मुकुट छलैक आ प्रत्येक सिर पर एहन नाम लिखल छलैक जाहि द्वारा परमेश्वरक अपमान होइत छल। |
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प्रकाशित-वाक्य 9:7-11 |
[7] एहि फनिगा सभक रूप युद्ध करबाक लेल तैयार कयल घोड़ा सन छलैक। ओकरा सभक मूड़ी पर सोनाक मुकुट सन कोनो वस्तु छलैक। ओकरा सभक मुँह मनुष्यक मुँह जकाँ छलैक।[8] ओकरा सभक केश स्त्रीगणक केश सन, आ ओकरा सभक दाँत सिंहक दाँत सन छलैक।[9] ओकरा सभ केँ एहन कवच छलैक जे लोहाक कवच सन छल। ओकरा सभक पाँखिक आवाज एहन छलैक, जेना युद्ध मे जाइत बहुतो रथ आ घोड़ा सभक दौड़ला पर होइत अछि।[10] ओकरा सभक नांगड़ि बिच्छुक पुछड़ी जकाँ छलैक जाहि द्वारा ओ सभ डंक मारि सकैत छल। ओकरा सभक नांगड़ि मे पाँच मास तक मनुष्य सभ केँ पीड़ा देबाक शक्ति छलैक।[11] ओकरा सभक जे राजा छलैक, से ओ दूत अछि जे अथाह कुण्डक अधिकारी अछि। इब्रानी भाषा मे ओकर नाम “अबद्दोन” छैक आ यूनानी मे “अपुल्लयोन”, ⌞अर्थात्, विनाश करऽ वला⌟। |
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Maithili Bible 2010 |
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