इब्रानी 10:24-25 |
[24] प्रेम आ भलाइक काज करऽ मे अपना सभ एक-दोसर केँ कोना प्रेरित कऽ सकी ताहि पर ध्यान राखी।[25] अपना सभ एक संग जमा भेनाइ नहि छोड़ी जेना कि किछु लोकक आदत अछि, बल्कि एक-दोसर केँ प्रोत्साहित करैत रही, विशेष कऽ आब जखन देखैत छी जे ओ दिन लगचिआ गेल अछि जहिया यीशु फेर औताह। |
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मत्ती 18:20 |
किएक तँ जतऽ दू वा तीन व्यक्ति हमरा नाम सँ एक ठाम जमा होइत अछि, ततऽ हम ओकरा सभक बीच उपस्थित छी।” |
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कुलुस्सी 3:16 |
मसीहक वचन केँ अपन परिपूर्णताक संग अहाँ सभ अपना मे निवास करऽ दिअ। पूर्ण बुद्धि-ज्ञानक संग एक-दोसर केँ शिक्षा आ चेतावनी दैत रहू, आ परमेश्वरक प्रशंसा मे भजन, स्तुति-गान आ भक्तिक गीत पूरा मोन सँ धन्यवादक संग गबैत रहू। |
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इफिसी 4:11-13 |
[11] वैह विभिन्न वरदान बँटलनि—किछु लोक केँ मसीह-दूत होयबाक वरदान देलथिन, किछु लोक केँ परमेश्वरक प्रवक्ता होयबाक, किछु लोक केँ शुभ समाचारक प्रचार करऽ वला होयबाक, आ किछु लोक केँ मण्डलीक देख-रेख करऽ वला और शिक्षक होयबाक वरदान देलथिन।[12] ई वरदान सभ देबऽ मे मसीहक उद्देश्य ई छलनि जे एहि सभ द्वारा परमेश्वरक लोक केँ सेवा-काज सभ करबाक लेल तैयार कयल जाय जाहि सँ हुनकर देह मजगूत होनि।[13] एहि तरहेँ अपना सभ केओ संग-संग बढ़ि कऽ, विश्वास मे और परमेश्वरक पुत्रक ज्ञान मे एक भऽ जायब, और पूर्ण सिद्धता, अर्थात् मसीहक पूर्णता, धरि पहुँचब। |
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मसीह-दूत 2:42 |
ओ सभ मसीह-दूत सभक शिक्षा मे, सत्संग मे, “प्रभु-भोज” मे आ प्रार्थना मे तल्लीन रहऽ लागल। |
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रोमी 10:17 |
एहि तरहेँ अपना सभ देखैत छी जे, सुनलाक बादे केओ विश्वास कऽ सकैत अछि, आ जे सुनबाक अछि, से अछि मसीहक वचन। |
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मत्ती 16:18 |
हम अहाँ केँ कहैत छी जे, अहाँ ‘पत्रुस’ छी। हम एहि चट्टान पर अपन मण्डलीक स्थापना करब आ मृत्युक सामर्थ्य एहि पर विजयी नहि होयत। |
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मसीह-दूत 9:31-32 |
[31] तकरबाद समस्त यहूदिया, गलील आ सामरिया प्रदेश मे विश्वासी मण्डली केँ अत्याचार सँ आराम भेटल। प्रभुक आदर करैत आ आज्ञा मानैत मण्डली मजगूत होइत गेल और परमेश्वरक पवित्र आत्मा सँ प्रोत्साहित भऽ विश्वासी सभक संख्या बढ़ैत गेल।[32] पत्रुस बहुत ठाम घुमैत-फिरैत लुद्दा नामक गाम मे विश्वासी सभ सँ भेँट करबाक लेल अयलाह। |
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मत्ती 6:33 |
बल्कि सभ सँ पहिने परमेश्वरक राज्य पर, आ परमेश्वर जाहि प्रकारक धार्मिकता अहाँ सँ चाहैत छथि, ताहि पर मोन लगाउ, तँ ई सभ वस्तु सेहो अहाँ केँ देल जायत। |
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याकूब 1:22 |
अहाँ सभ वचनक पालन कयनिहार बनू, नहि कि मात्र सुननिहार। जँ सुननिहारे छी तँ अपना केँ धोखा दैत छी। |
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2 तिमुथियुस 4:2 |
परमेश्वरक वचनक प्रचार करू, समय-असमय एहि मे लागल रहू। पूरा-पूरी धैर्य राखि शिक्षा दऽ कऽ लोक सभ केँ समझाउ-बुझाउ, चेतावनी दिअ, आ हिम्मत बढ़ाउ। |
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मत्ती 28:19-20 |
[19] एहि लेल अहाँ सभ आब जा कऽ सभ जातिक लोक केँ हमर शिष्य बनाउ और ओकरा सभ केँ पिता, पुत्र आ पवित्र आत्माक नाम सँ बपतिस्मा दिऔक।[20] हम जतेक आदेश अहाँ सभ केँ देने छी तकर सभक पालन करबाक लेल ओकरा सभ केँ सिखाउ। मोन राखू, संसारक अन्त तक हम सदिखन अहाँ सभक संग छी।” |
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Maithili Bible 2010 |
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