1 कोरिन्थी 7:21 |
की अहाँ बजाओल जयबाक समय मे ककरो गुलाम छलहुँ? कोनो चिन्ता नहि करू—ओना तँ जँ स्वतन्त्र भेनाइ सम्भव भऽ जाय तँ अवसर सँ फायदा लिअ। |
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1 पत्रुस 2:16-18 |
[16] अहाँ सभ स्वतन्त्र लोक सभ जकाँ आचरण करू, मुदा स्वतन्त्रताक अऽढ़ मे अधलाह काज नहि करू, बल्कि परमेश्वरक दास सभ जकाँ आचरण करबाक लेल अपन स्वतन्त्रताक उपयोग करू।[17] सभ मनुष्यक आदर करू, विश्वासी भाय सभ सँ प्रेम राखू, परमेश्वरक भय मानू, आ राजाक सम्मान करू।[18] हे दास सभ, आदरपूर्बक अपन मालिक सभक अधीन रहू, मात्र तिनका सभक अधीन नहि, जे सभ दयालु आ नम्र छथि, बल्कि तिनको सभक, जे सभ कठोर छथि। |
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1 तिमुथियुस 1:10 |
परस्त्रीगमन कयनिहार और समलैंगिक सम्बन्ध रखनिहार लोक, मनुष्य केँ किनऽ-बेचऽ वला, झूठ बाजऽ वला और झूठ गवाही देबऽ वला, और ओहि सभ लोकक लेल अछि जे सभ आरो-आरो तेहन कोनो काज सभ करैत अछि जे सही सिद्धान्तक विपरीत अछि। |
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1 तिमुथियुस 6:1 |
दासत्वक जुआ तर मे जे लोक सभ अछि से सभ अपन मालिक केँ पूर्ण आदरक योग्य बुझय, जाहि सँ परमेश्वरक नाम आ अपना सभक शिक्षाक निन्दा नहि होअय। |
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कुलुस्सी 3:22 |
यौ दास सभ, एहि संसार मे जे अहाँ सभक मालिक छथि, सभ बात मे तिनकर आज्ञा मानू। मालिक केँ खुश करबाक उद्देश्य सँ, जखन ओ देखिते छथि तखने मात्र नहि, बल्कि शुद्ध मोन सँ और प्रभु पर श्रद्धा राखि कऽ आज्ञा मानू। |
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कुलुस्सी 4:1 |
यौ मालिक लोकनि, अहाँ सभ ई बात जनैत जे स्वर्ग मे अहूँ सभक एक मालिक छथि, अपन दास सभक संग न्यायपूर्ण आ उचित व्यवहार करू। |
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इफिसी 6:5-9 |
[5] यौ दास सभ! अहाँ सभ जहिना मसीहक सेवा करितहुँ तहिना निष्कपट मोन सँ भय आ आदरक संग तिनका सभक आज्ञा मानू जे सभ एहि संसार मे अहाँ सभक मालिक छथि।[6] मालिक केँ खुश करबाक उद्देश्य सँ, जखन ओ देखैत छथि तखने मात्र अपन काज नहि करू, बल्कि पूरा मोन सँ परमेश्वरक इच्छा पूरा करैत अपना केँ मसीहेक दास बुझि कऽ करू।[7] अपन सेवा-काज खुशी मोन सँ करू, ई बुझैत जे मनुष्यक लेल नहि, बल्कि प्रभुक लेल करैत छी,[8] कारण, अहाँ सभ तँ जनिते छी जे प्रत्येक व्यक्ति, ओ चाहे दास होअय वा स्वतन्त्र, ओ जे कोनो नीक काज करत, तकर प्रतिफल प्रभु सँ पाओत।[9] आब अहाँ सभ, जे मालिक छी, अहूँ सभ उचिते व्यवहार अपन दास सभक संग करू। डेरौनाइ-धमकौनाइ छोड़ि दिअ, एहि बातक मोन रखैत जे स्वर्ग मे ओकरा सभक आ अहाँ सभक एके मालिक छथि, और ओ ककरो संग पक्षपात नहि करैत छथि। |
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गलाती 3:28 |
आब ने केओ यहूदी अछि आ ने यूनानी, ने गुलाम अछि ने स्वतन्त्र, ने पुरुष अछि ने स्त्रीगण, किएक तँ अहाँ सभ मसीह यीशु मे एक छी। |
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गलाती 5:1 |
स्वतन्त्रे बनल रहबाक लेल मसीह अपना सभ केँ स्वतन्त्र कयने छथि, तेँ दृढ़ रहू आ गुलामीक जुआ मे अपना केँ फेर नहि जोतऽ दिअ। |
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लूका 4:18 |
“प्रभुक आत्मा हमरा पर छथि; किएक तँ ओ गरीब सभ केँ शुभ समाचार सुनयबाक लेल हमर अभिषेक कयने छथि। ओ हमरा पठौलनि अछि जे हम कैदी सभक लेल मुक्तिक घोषणा करी, आन्हर सभ केँ कहिऐक जे, ‘तोँ सभ आब देखि सकैत छह,’ सताओल लोक सभ केँ छुटकारा दिआबी |
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फिलेमोन 1:16 |
आब गुलामक रूप मे नहि, बल्कि गुलाम सँ बहुत बढ़ि कऽ—प्रिय भायक रूप मे। ओ हमरा लेल अत्यन्त प्रिय अछि, मुदा अहाँक लेल एहू सँ प्रिय—एक मनुष्यक रूप मे और प्रभु मे भायक रूप मे! |
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तीतुस 2:9-10 |
[9] गुलाम सभ केँ सिखबिऔक जे ओ सभ प्रत्येक बात मे अपन मालिकक अधीन रहय, मालिक केँ प्रसन्न राखय आ बिनु मुँह लगबैत अपन मालिकक आज्ञाक पालन करय,[10] चोरी-चपाटी नहि करय, बल्कि स्पष्ट सँ देखाबय जे ओ पूर्ण रूप सँ इमानदार अछि जाहि सँ सभ बात मे ओ सभ अपना सभक उद्धारकर्ता-परमेश्वरक शिक्षाक शोभा बढ़बय। |
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लूका 12:47-48 |
[47] “ओ सेवक जे अपन मालिकक इच्छा तँ जनैत अछि मुदा तकरा पूरा करबाक लेल किछु नहि करैत अछि, से बहुत मारि खायत।[48] मुदा जे नहि जनैत अछि आ तखन मारि खाय जोगरक काज करैत अछि, से कम मारि खायत। जकरा बहुत देल गेल छैक, तकरा सँ बहुत माँगलो जयतैक, आ जतेक आओर बेसी ककरो देल गेल छैक, ततेक आओर फेर ओकरा घुमाबऽ पड़तैक। |
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1 तिमुथियुस 6:1-2 |
[1] दासत्वक जुआ तर मे जे लोक सभ अछि से सभ अपन मालिक केँ पूर्ण आदरक योग्य बुझय, जाहि सँ परमेश्वरक नाम आ अपना सभक शिक्षाक निन्दा नहि होअय।[2] जाहि दासक मालिक प्रभु यीशु पर विश्वास कयनिहार छथि, से एहि कारणेँ अपन मालिकक कम आदर नहि करनि जे, ई मालिक तँ विश्वासक दृष्टिएँ हमर भाये अछि, बल्कि ओहि मालिक केँ आओर बढ़ियाँ सँ सेवा करनि, कारण, जाहि आदमी केँ ओकर सेवा सँ लाभ भऽ रहल अछि, से विश्वासी आ ओकर प्रिय भाय छथि। अहाँ विश्वासी सभ केँ एहि बात सभक शिक्षा दैत रहिऔक, आ ओकरा सभ सँ आग्रह करैत रहू जे एहि आज्ञा सभक पालन करओ। |
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इफिसी 6:5-9 |
[5] यौ दास सभ! अहाँ सभ जहिना मसीहक सेवा करितहुँ तहिना निष्कपट मोन सँ भय आ आदरक संग तिनका सभक आज्ञा मानू जे सभ एहि संसार मे अहाँ सभक मालिक छथि।[6] मालिक केँ खुश करबाक उद्देश्य सँ, जखन ओ देखैत छथि तखने मात्र अपन काज नहि करू, बल्कि पूरा मोन सँ परमेश्वरक इच्छा पूरा करैत अपना केँ मसीहेक दास बुझि कऽ करू।[7] अपन सेवा-काज खुशी मोन सँ करू, ई बुझैत जे मनुष्यक लेल नहि, बल्कि प्रभुक लेल करैत छी,[8] कारण, अहाँ सभ तँ जनिते छी जे प्रत्येक व्यक्ति, ओ चाहे दास होअय वा स्वतन्त्र, ओ जे कोनो नीक काज करत, तकर प्रतिफल प्रभु सँ पाओत।[9] आब अहाँ सभ, जे मालिक छी, अहूँ सभ उचिते व्यवहार अपन दास सभक संग करू। डेरौनाइ-धमकौनाइ छोड़ि दिअ, एहि बातक मोन रखैत जे स्वर्ग मे ओकरा सभक आ अहाँ सभक एके मालिक छथि, और ओ ककरो संग पक्षपात नहि करैत छथि। |
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Maithili Bible 2010 |
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