१ |
व्याकूळ होऊन आपले गार्हाणे परमेश्वरापुढे मांडणार्या दीनाने करायची प्रार्थना हे परमेश्वरा, माझी प्रार्थना ऐक, माझी आरोळी तुझ्याकडे पोहचो. |
२ |
माझ्या संकटाच्या दिवशी तू माझ्यापासून आपले मुख लपवू नकोस; तू आपला कान माझ्याकडे लाव; मी धावा करीन त्या दिवशी माझे सत्वर ऐक. |
३ |
माझे दिवस धुराप्रमाणे विरून जातात, माझी हाडे चुलीतल्या निखार्यासारखी गळून गेली आहेत. |
४ |
माझे हृदय गवताप्रमाणे वाळून करपले आहे, कारण मला अन्न खाण्याचेही भान राहत नाही. |
५ |
मोठ्याने कण्हून कण्हून माझी चामडी माझ्या हाडांना चिकटून गेली आहे; |
६ |
मी रानातल्या पाणकोळ्यासारखा झालो आहे. वैराण प्रदेशातील घुबडाप्रमाणे मी झालो आहे. |
७ |
मी जागरण करीत आहे, धाब्यावर एकटे राहणार्या चिमण्यासारखा मी झालो आहे. |
८ |
माझे वैरी दिवसभर माझी निंदा करतात; माझ्यावर खवळलेले लोक माझ्यावरून शाप देतात. |
९ |
मी भाकरीप्रमाणे राख खाल्ली आहे; व माझ्या पाण्यात माझी आसवे मिसळली आहेत. |
१० |
ह्याला कारण तुझा रोष, तुझा क्रोध; कारण तू मला वर उचलून फेकून दिले आहेस. |
११ |
माझे दिवस वाढत्या सावलीसारखे झाले आहेत; गवताप्रमाणे मी वाळून गेलो आहे. |
१२ |
हे परमेश्वरा, तू सर्वकाळ राजासनारूढ आहेस; तुझ्या नावाचे स्मरण पिढ्यानपिढ्या कायम राहील. |
१३ |
तू उठून सीयोनेवर दया करशील; कारण तिच्यावर कृपा करण्याचा समय आला आहे. नेमलेला समय येऊन ठेपला आहे; |
१४ |
तुझ्या सेवकांना तिचे दगडही प्रिय आहेत तिची धूळधाण पाहून ते हळहळतात. |
१५ |
राष्ट्रे परमेश्वराच्या नावाला, पृथ्वीवरचे सर्व राजे तुझ्या ऐश्वर्याला भितील; |
१६ |
कारण परमेश्वराने सीयोन पुन्हा बांधली आहे, तो आपल्या गौरवाने प्रकट झाला आहे; |
१७ |
त्याने निराश्रितांच्या प्रार्थनेकडे लक्ष दिले आहे; त्यांची प्रार्थना त्याने तुच्छ मानली नाही. |
१८ |
पुढच्या पिढीसाठी हे लिहून ठेवले जाईल; पुढे उत्पन्न होणारी प्रजा परमेशाचे स्तवन करील; |
१९ |
कारण परमेश्वराने आपल्या उच्च पवित्रस्थानावरून खाली पाहिले; त्याने आकाशातून पृथ्वीकडे पाहून |
२० |
बंदिवानांचे उसासे ऐकले, ज्यांचे मरण ठरले होते त्यांना सोडवले; |
२१ |
ह्यासाठी की त्यांनी सीयोनेत परमेश्वराच्या नावाची घोषणा करावी, व यरुशलेमात त्याची स्तुती गावी; |
२२ |
परमेश्वराची उपासना करण्यास लोक व राज्ये एकत्र होतील तेव्हा असे होईल. |
२३ |
त्याने माझी शक्ती मार्गातच क्षीण केली; त्याने माझे आयुष्य कमी केले. |
२४ |
मी म्हणालो, “हे माझ्या देवा, माझा आयुष्यकाल पुरा होण्यापूर्वी मला घेऊन जाऊ नकोस; तुझी वर्षे पिढ्यानपिढ्या चालत आहेत.” |
२५ |
तू पुरातन काळी पृथ्वीचा पाया घातलास; गगने तुझ्या हातचे कृत्य आहे. |
२६ |
ती नाहीशी होतील, परंतु तू निरंतर आहेस; ती सगळी वस्त्रासारखी जीर्ण होतील; ती तू प्रावरणासारखी बदलशील आणि ती नाहीशी होतील. |
२७ |
परंतु तू तोच आहेस, तुझ्या वर्षांना अंत नाही. |
२८ |
तुझ्या सेवकांचे वंशज कायम टिकून राहतील, त्यांची संतती तुझ्यासमोर स्थायिक होईल.
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Marathi Bible 2015 |
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स्तोत्र १०२:1 |
स्तोत्र १०२:2 |
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स्तोत्र १०२:4 |
स्तोत्र १०२:5 |
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