1 |
तकरबाद हम देखलहुँ जे, सिंहासन पर जे विराजमान छथि, तिनका दहिना हाथ मे एकटा पुस्तक छनि जाहि मे भीतर-बाहर, दूनू दिस लिखल गेल अछि और जकरा सातटा मोहर मारि कऽ बन्द कऽ देल गेल अछि। |
2 |
तखन हम एक शक्तिशाली स्वर्गदूत केँ देखलहुँ जे ऊँच स्वर मे आवाज दऽ कऽ पुछि रहल छथि जे, “मोहरक छाप सभ केँ तोड़ि कऽ पुस्तक केँ खोलबाक योग्य के अछि?” |
3 |
मुदा स्वर्ग मे, पृथ्वी पर आ पृथ्वीक नीचाँ पाताल मे केओ एहन व्यक्ति नहि भेटल जकरा ओहि पुस्तक केँ खोलबाक वा ओहि मे देखबाक अधिकार होइक। |
Maithili Bible 2010 |
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