1 |
तखन हम एक नव आकाश आ एक नव पृथ्वी देखलहुँ। पुरान आकाश आ पुरान पृथ्वी, दूनू लुप्त भऽ गेल छल आ आब समुद्रो नहि रहल। |
2 |
तकरबाद हम पवित्र नगर, नव यरूशलेम, केँ स्वर्ग सँ परमेश्वर लग सँ उतरैत देखलहुँ। ओ अपन वरक लेल श्रृंगार कयल गेल नव कनियाँ जकाँ सजाओल गेल छल। |
3 |
तखन हमरा सिंहासन सँ एक आवाज जोर सँ ई कहैत सुनाइ पड़ल, “देखू, परमेश्वरक निवास आब मनुष्यक बीच मे छनि। परमेश्वर ओकरा सभक संग निवास करताह। ओ सभ हुनकर प्रजा होयत आ परमेश्वर अपने ओकरा सभक बीच रहि कऽ ओकरा सभक परमेश्वर होयथिन। |
Maithili Bible 2010 |
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