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प्रभु अपन देल वचन पूरा करबा मे देरी नहि करैत छथि, जेना कि किछु लोक बुझैत अछि, बल्कि ओ अहाँ सभक प्रति धैर्य रखने छथि। ओ ई नहि चाहैत छथि जे केओ नाश होअय, बल्कि ई चाहैत छथि जे सभ केओ अपना पापक लेल पश्चात्ताप कऽ कऽ हृदय-परिवर्तन करय। |
Maithili Bible 2010 |
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