मसीह-दूत 4:23-37 |
23. ओतऽ सँ छुटलाक बाद पत्रुस आ यूहन्ना अपना संगी सभ लग आबि कऽ मुख्यपुरोहित आ बूढ़-प्रतिष्ठित लोकनिक कहल बात कहि सुनौलथिन। |
24. सभ बात सुनि ओ सभ एक संग मिलि ऊँच स्वर मे परमेश्वर सँ एहि तरहेँ प्रार्थना करऽ लगलाह, “हे परम प्रभु, अहीं आकाश, पृथ्वी और समुद्र आ ओहि सभ मे जे किछु अछि, तकर सभक सृष्टिकर्ता छी। |
25. अहाँ अपना पवित्र आत्मा द्वारा अपन सेवक, हमरा सभक पूर्वज दाऊदक मुँह सँ ई कहने छी, ‘संसारक जाति-जातिक लोक सभ किएक हुल्लड़ि मचबैत अछि? राष्ट्र सभ किएक व्यर्थ षड्यन्त्र रचैत अछि? |
26. प्रभु और हुनकर मसीहक विरोध मे पृथ्वी परक राजा सभ ठाढ़ भऽ गेल और शासक सभ एक ठाम जमा भऽ गेल।’ |
27. सत्ये मे अहाँक पवित्र सेवक यीशु केँ, जिनका अहाँ उद्धारकर्ता-मसीह नियुक्त कयलहुँ तिनका विरोध मे राजा हेरोद और पुन्तियुस पिलातुस गैर-यहूदी और इस्राएली लोकक संग एही शहर मे षड्यन्त्र रचबाक लेल जमा भेल। |
28. मुदा ओ सभ मात्र वैह कयलक जे अहाँ पहिनहि सँ अपन सामर्थ्य आ इच्छा सँ निश्चित कयने छलहुँ। |
29. हे प्रभु, आब ओकरा सभक धमकी केँ देखू आ अपन सेवक सभ केँ ई वरदान दिअ जे अहाँक शुभ समाचार निर्भय भऽ कऽ सुनबैत रही। |
30. संगहि अपन हाथ बढ़ा कऽ पीड़ित लोक सभ केँ स्वस्थ करू आ अपन पवित्र सेवक यीशुक नाम सँ चमत्कारपूर्ण काज करबैत रहू।” |
31. जखन ओ सभ प्रार्थना समाप्त कयलनि तखन ओ स्थान, जतऽ ओ सभ जमा भेल छलाह, से हिलि गेल और ओ सभ गोटे पवित्र आत्मा सँ भरि गेलाह आ निर्भयतापूर्बक परमेश्वरक वचन सुनाबऽ लगलाह। |
32. विश्वासी सभक समूह एक मोन एक प्राण छल। आ केओ अपना सम्पत्ति केँ अपने नहि बुझैत छलाह, बल्कि सभक सझिआ मानैत छलाह। |
33. मसीह-दूत सभ पूर्ण सामर्थ्यक संग प्रभु यीशुक जीबि उठनाइक सम्बन्ध मे अपन गवाही दैत छलाह। हुनका सभ गोटेक संग परमेश्वरक प्रशस्त आशिष छलनि। |
34. किनको कोनो बातक कमी नहि छलनि, कारण जिनका घर वा जमीन छलनि से सभ ओकरा बेचि-बेचि कऽ |
35. ओकर मूल्य मसीह-दूत सभक चरण मे राखि दैत छलाह। तखन ओ पाइ जिनका जतबा आवश्यकता रहैत छलनि ताहि अनुसार बाँटल जाइत छल। |
36. जेना साइप्रस-निवासी लेवी-कुलक यूसुफ नामक एक आदमी छलाह जिनका मसीह-दूत सभ बरनबास, अर्थात् “उत्साहित कयनिहार,” नाम देने छलनि, |
37. तिनका किछु जमीन छलनि, जकरा ओ बेचि कऽ ओकर मूल्य मसीह-दूत सभ केँ आनि कऽ देलथिन। |