मसीह-दूत 2:22-47 |
22. “इस्राएली भाइ लोकनि, हमर बात सुनू। परमेश्वर नासरत-निवासी यीशु द्वारा अहाँ सभक बीच मे बहुत आश्चर्यजनक काज आ चमत्कारपूर्ण चिन्ह देखौलनि, जे अहाँ सभ केँ बुझले अछि। ओ एहि काज आ चिन्ह सभक द्वारा एहि बात केँ प्रमाणित कयलनि जे हुनका ओ अपने पठौने छथि। |
23. ओ परमेश्वरक निश्चित योजना आ पूर्वज्ञानक अनुसार अहाँ सभक जिम्मा मे देल गेलाह और अहाँ सभ हुनका अधर्मी सभक हाथेँ क्रूस पर चढ़बा कऽ मारि देलियनि। |
24. मुदा परमेश्वर हुनका मृत्युक कष्ट सँ मुक्त कऽ कऽ फेर जीवित कऽ देलथिन, कारण ई असम्भव छल जे मृत्यु अपना वश मे हुनका रखितनि। |
25. जेना दाऊद हुनका विषय मे कहलनि, ‘हम देखलहुँ जे प्रभु सदिखन हमरा सामने छथि, ओ हमर दहिन छथि, तेँ हम डगमगायब नहि। |
26. एहि कारणेँ हम खुशी मोन सँ अहाँक स्तुति गबैत छी, हम अपन शरीरक लेल सेहो अहाँ पर भरोसा रखैत छी, |
27. कारण, अहाँ हमरा मरले नहि छोड़ब और ने अपन पवित्र सेवक केँ सड़ऽ देब। |
28. अहाँ हमरा जीवनक बाट देखौने छी; अहाँक संगति मे हम आनन्द सँ गद्गद् होयब।’ |
29. “भाइ लोकनि, हम अहाँ सभ केँ खुलि कऽ कहि सकैत छी जे अपना सभक कुल-पिता दाऊद मरलाह आ गाड़ल गेलाह और हुनकर कबर एखनो कायम अछि। |
30. मुदा ओ परमेश्वरक प्रवक्ता छलाह और ओ जनैत छलाह जे परमेश्वर सपत खा कऽ हुनका वचन देने छथिन जे, हम तोरा वंश मे सँ एक आदमी केँ तोरा सिंहासन पर बैसयबह। |
31. तेँ जखन ओ कहलनि जे हमरा मरले नहि छोड़ल जायत आ ने हमर शरीर सड़त तँ से ओ उद्धारकर्ता-मसीहक जीबि उठनाइक सम्बन्ध मे कहलनि, किएक तँ परमेश्वर हुनका पहिने सँ ओ बात देखौने छलथिन। |
32. एही यीशु केँ परमेश्वर जिआ देलथिन तकर हम सभ केओ साक्षी छी। |
33. हुनका परमेश्वरक दहिना कातक सर्वोच्च पद देल गेलनि, और जहिना पिता हुनका वचन देने छलथिन, तहिना ओ हुनका सँ पवित्र आत्मा प्राप्त कयलनि। और अहाँ सभ आइ जे बात देखि आ सुनि रहल छी, से एकर परिणाम अछि जे ओ हमरा सभ केँ वैह पवित्र आत्मा देने छथि। |
34. दाऊद तँ स्वर्ग पर नहि उठाओल गेलाह, तैयो ओ बजलाह, ‘प्रभु-परमेश्वर हमर प्रभु केँ कहलथिन, अहाँ हमर दहिना कात बैसू, |
35. और हम अहाँक शत्रु सभ केँ अहाँक पयरक तर मे कऽ देब।’ |
36. “तेँ समस्त इस्राएली लोक ई निश्चय जानि लेअय जे एही यीशु केँ जिनका अहाँ सभ क्रूस पर चढ़ा कऽ मारि देलियनि, परमेश्वर तिनके प्रभु और उद्धारकर्ता-मसीह ठहरा देलथिन।” |
37. सुनऽ वला लोक सभक मोन मे ई बात गड़ि गेलैक, और ओ सभ पत्रुस और आन मसीह-दूत सभ सँ पुछलकनि, “यौ भाइ लोकनि, हम सभ आब की करू?” |
38. पत्रुस उत्तर देलथिन, “अहाँ सभ गोटे अपना पापक लेल पश्चात्ताप कऽ कऽ हृदय-परिवर्तन करू और यीशु मसीहक नाम सँ बपतिस्मा लिअ, जाहि सँ परमेश्वर अहाँ सभक पाप केँ क्षमा करथि आ अहाँ सभ केँ पवित्र आत्मा प्रदान करथि। |
39. कारण, परमेश्वर जे वचन देलनि, से अहाँ सभक लेल और अहाँ सभक सन्तानक लेल अछि, और तकरो सभक लेल जे दूर-दूर रहैत अछि; हँ, तकरा सभ गोटेक लेल जकरा सभ केँ अपना सभक प्रभु-परमेश्वर अपना लग बजौथिन।” |
40. पत्रुस आरो बहुत बात द्वारा ओकरा सभ केँ बुझौलथिन आ चेतावनी दैत आग्रह कयलथिन जे, “अहाँ सभ एहि भ्रष्ट पीढ़ी पर आबऽ वला दण्ड सँ बँचू!” |
41. जे सभ हुनकर बात स्वीकार कयलक, से सभ बपतिस्मा लेलक। ओहि दिन करीब तीन हजार लोक विश्वासी सभक समूह मे सम्मिलित भऽ गेल। |
42. ओ सभ मसीह-दूत सभक शिक्षा मे, सत्संग मे, “प्रभु-भोज” मे आ प्रार्थना मे तल्लीन रहऽ लागल। |
43. मसीह-दूत सभक द्वारा बहुत चमत्कारपूर्ण काज आ चिन्ह सभ देखाओल जाइत छल जकरा देखि सभ लोक आश्चर्य आ भय सँ भरि जाइत छल। |
44. सभ विश्वासी मिलि-जुलि कऽ रहैत छलाह, और सभ धन-सम्पत्ति केँ सझिआ बुझैत छलाह। |
45. ओ सभ अपन घर-जमीन वा धन-सम्पत्ति बेचि कऽ जिनका जेहन आवश्यकता होइत छलनि, ताहि अनुसार अपना मे बाँटि लैत छलाह। |
46. हरेक दिन ओ सभ मन्दिर मे जमा होइत छलाह, घर-घर मे “प्रभु-भोज” ग्रहण करैत छलाह, और खुशी आ विनम्र मोन सँ एक संग भोजन करैत छलाह। |
47. ओ सभ परमेश्वरक स्तुति करैत रहलाह और सभ लोक हुनका सभ सँ प्रसन्न छलनि। प्रभु प्रति दिन आरो-आरो लोक सभ केँ जे सभ उद्धार पबैत छलाह तिनका सभ केँ विश्वासी सभक समूह मे सम्मिलित करैत जाइत छलाह। |