लूका 22:47-71 |
47. यीशु बाजिए रहल छलाह कि लोकक भीड़ ओतऽ पहुँचल। हुनकर बारह शिष्य मे सँ एक, जकर नाम यहूदा छलैक, से ओकरा सभक आगाँ छल। ओ चुम्मा लेबाक लेल यीशुक लग मे अयलनि, |
48. मुदा यीशु ओकरा कहलथिन, “हौ यहूदा, की तोँ मनुष्य-पुत्र केँ चुम्मा लऽ कऽ धोखा दऽ रहल छह?” |
49. यीशुक शिष्य सभ जखन देखलनि जे आब की होयत तँ पुछलथिन, “प्रभु, की हम सभ तरुआरि चलाउ?” |
50. हुनका सभ मे सँ एक गोटे महापुरोहितक टहलू पर तरुआरि चला कऽ ओकर दहिना कान काटि देलनि। |
51. मुदा यीशु कहलथिन, “रूकू, रूकू!” और ओहि आदमीक कान छुबि कऽ ठीक कऽ देलथिन। |
52. तखन यीशु मुख्यपुरोहित, मन्दिरक सिपाही और बूढ़-प्रतिष्ठित सभ जे हुनका पकड़ऽ आयल छल, तकरा सभ केँ कहलथिन, “की अहाँ सभ हमरा विद्रोह मचाबऽ वला बुझि कऽ लाठी और तरुआरि लऽ कऽ पकड़ऽ अयलहुँ? |
53. हम अहाँ सभक संग सभ दिन मन्दिर मे छलहुँ तँ हमरा पकड़बाक कोशिश नहि कयलहुँ। मुदा एखन ई अहाँ सभक समय अछि, एखन अन्हार केँ अधिकार छैक।” |
54. तखन ओ सभ यीशु केँ पकड़ि लेलकनि आ ओहिठाम सँ महापुरोहितक भवन मे लऽ गेलनि। पत्रुस सेहो किछु दूर रहि कऽ पाछाँ-पाछाँ गेलाह। |
55. लोक सभ आङनक बीच मे घूर लगा कऽ आगि तापऽ बैसल तँ पत्रुसो आबि कऽ बैसि रहलाह। |
56. एक नोकरनी आगिक इजोत मे हुनका बैसल देखलकनि आ हुनकर मुँह ठिकिअबैत बाजल, “इहो ओकरे संग छलैक।” |
57. मुदा पत्रुस अस्वीकार कऽ कऽ कहलथिन, “गे! हम ओकरा चिन्हबो नहि करैत छिऐक।” |
58. किछु कालक बाद केओ दोसर गोटे हुनका देखि कहलकनि, “अहूँ तँ ओकरे सभ मे सँ छी।” पत्रुस उत्तर देलथिन, “यौ भाइ, हम नहि छी!” |
59. करीब एक घण्टाक बाद फेर तेसर गोटे जोर दैत बाजल, “ई आदमी पक्का ओकरा संग छलैक, इहो तँ गलीले निवासी अछि।” |
60. मुदा पत्रुस उत्तर देलथिन, “भाइ, अहाँ की कहैत छी से हम बुझबे नहि करैत छी!” ओ ई बात कहिए रहल छलाह कि तुरत्ते मुर्गा बाजि उठल। |
61. प्रभु घूमि कऽ पत्रुसक दिस तकलथिन। तखने हिनका प्रभुक कहल बात मोन पड़ि गेलनि जे, “आइ मुर्गा केँ बाजऽ सँ पहिने अहाँ तीन बेर हमरा अस्वीकार करब।” |
62. ओ ओहिठाम सँ बाहर भऽ भोकासी पाड़ि कऽ कानऽ लगलाह। |
63. जे सिपाही सभ यीशु पर पहरा दऽ रहल छलनि से सभ हुनकर हँसी उड़ाबऽ लगलनि और मारऽ-पिटऽ लगलनि। |
64. हुनका आँखि पर पट्टी बान्हि कऽ कहलकनि, “यौ अन्तर्यामी! कहल जाओ, अपने केँ के मारलक?” |
65. एहि तरहक आरो-आरो बहुत बात सभ कहि कऽ हुनकर अपमान कयलकनि। |
66. भोर भेला पर यहूदी सभक बूढ़-प्रतिष्ठित सभ, मुख्यपुरोहित सभ और धर्मशिक्षक सभ महासभा मे जमा भेलाह, और यीशु केँ हुनका सभक सामने आनल गेलनि। |
67. ओ सभ कहलथिन, “अहाँ जँ उद्धारकर्ता-मसीह छी, तँ हमरा सभ केँ स्पष्ट कहू।” ओ उत्तर देलथिन, “हम जँ कहब, तँ अहाँ सभ विश्वास करब नहि, |
68. और हम जँ अहाँ सभ सँ पुछब, तँ अहाँ सभ उत्तर देब नहि। |
69. मुदा आब मनुष्य-पुत्र सर्वशक्तिमान परमेश्वरक दहिना कात बैसत।” |
70. ओ सभ केओ एके संग पुछलथिन, “तखन की अहाँ परमेश्वरक पुत्र छी?” ओ उत्तर देलथिन, “अहाँ सभ ठीक कहैत छी। हँ, हम वैह छी।” |
71. एहि पर ओ सभ बजलाह, “आब आरो गवाहीक की आवश्यकता? अपना सभ स्वयं एकरे मुँह सँ सभटा सुनि लेलहुँ।” |